चंद्रकला (Chandrakala) एक पारंपरिक भारतीय मिठाई है, जो मुख्य रूप से होली, दिवाली, या अन्य उत्सवों पर बनाई जाती है। यह मिठाई चाँद के आकार (अर्धचंद्राकार) में बनाई जाती है और इसमें मावा (खोया), सूखे मेवे, और मसालों से भरा हुआ एक कुरकुरे बाहरी आवरण होता है। चंद्रकला को कुछ क्षेत्रों में “गुजिया” या “करंजी” के नाम से भी जाना जाता है, लेकिन इसकी विशेषता इसकी मीठी स्टफिंग और नरम-कुरकुरे टेक्सचर में है। इस लेख में, हम आपको चंद्रकला बनाने की पारंपरिक विधि से लेकर आधुनिक वेरिएशन तक का विस्तृत ज्ञान देंगे।
चंद्रकला का इतिहास एवं महत्व
चंद्रकला का इतिहास भारतीय उपमहाद्वीप के मिठाई संस्कृति से जुड़ा है। माना जाता है कि इसकी उत्पत्ति उत्तर भारत में हुई, जहाँ दूध और घी से बनी मिठाइयाँ त्योहारों का अहम हिस्सा हैं। चंद्रकला का आकार चंद्रमा जैसा होने के कारण इसे शुभता और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। होली पर इसे बनाने की परंपरा सदियों पुरानी है, क्योंकि यह मिठाई लंबे समय तक स्टोर की जा सकती है और मेहमानों के लिए उपहार के रूप में दी जाती है।

सामग्री (20-25 चंद्रकला के लिए)
आटा (बाहरी लेयर) के लिए:
- 2 कप मैदा (रिफाइंड फ्लोर)
- 1/4 कप सूजी (रवा)
- 1/4 कप घी
- 1/2 कप पानी (लगभग)
- 1 चुटकी नमक

स्टफिंग (भरावन) के लिए:
- 1.5 कप मावा (खोया)
- 1/2 कप चीनी (पिसी हुई)
- 1/4 कप कसा हुआ नारियल (वैकल्पिक)
- 1/4 कप कटे हुए बादाम और काजू
- 1/2 चम्म्च इलायची पाउडर
- 1 चुटकी केसर (भिगोया हुआ)
- 2 चम्मच घी

तलने के लिए:
- घी या तेल
चाशनी (सिरप) के लिए (वैकल्पिक):
- 1 कप चीनी
- 1/2 कप पानी
- 1/2 चम्मच इलायची पाउडर
चंद्रकला (Chandrakala) बनाने की विस्तृत विधि
चरण 1: आटा तैयार करना
- मिश्रण बनाना: एक बड़े कटोरे में मैदा, सूजी, और नमक डालें। अब घी डालकर हाथों से मसलें, जब तक मिश्रण रेत जैसा भुरभुरा न हो जाए।
- आटा गूँथना: धीरे-धीरे पानी डालकर मुलायम आटा गूँथें। आटा न तो बहुत कड़ा हो और न ही चिपचिपा। इसे 30 मिनट के लिए ढककर रख दें।
चरण 2: स्टफिंग तैयार करना
- मावा भूनना: कढ़ाई में 2 चम्मच घी गर्म करें। मावा डालकर धीमी आंच पर 5-7 मिनट भूनें, जब तक यह हल्का सुनहरा न हो जाए।
- मेवे मिलाना: भुने हुए मावे में चीनी, नारियल, कटे मेवे, इलायची पाउडर, और केसर मिलाएँ। मिश्रण को ठंडा होने दें।
चरण 3: चंद्रकला (Chandrakala) का आकार देना
- आटे की लोइयाँ बनाना: आटे को छोटे नींबू के आकार के गोले बनाएं।
- रोटी बेलना: प्रत्येक गोले को पूरी की तरह पतला बेल लें (लगभग 4-5 इंच व्यास)।
- स्टफिंग भरना: बेली हुई रोटी के बीच में 1 चम्मच स्टफिंग रखें।
- आकार देना: रोटी के किनारों को पानी लगाकर अर्धचंद्राकार आकार में बंद करें। किनारों को कांटे से दबाकर डिज़ाइन दें।
चरण 4: तलना और चाशनी में डुबोना (वैकल्पिक)
- तलना: कढ़ाई में घी गर्म करें। चंद्रकला को धीमी आंच पर सुनहरा होने तक तलें।
- चाशनी तैयार करना: चीनी और पानी को उबालें, गाढ़ा सिरप बनाएँ। इलायची पाउडर मिलाएँ।
- डुबोना: तली हुई चंद्रकला को 2 मिनट के लिए चाशनी में डुबोएँ और निकालकर सूखने दें।

परफेक्ट चंद्रकला के टिप्स
- आटे का टेक्सचर: आटा मुलायम होना चाहिए, वरना तलते समय फट सकता है।
- स्टफिंग की मात्रा: ज़्यादा स्टफिंग न डालें, नहीं तो बंद करते समय दिक्कत होगी।
- तलने का तापमान: तेल मीडियम गर्म होना चाहिए। अधिक गर्म तेल में चंद्रकला जल जाएगी।
- स्टोरेज: एयरटाइट कंटेनर में 1 सप्ताह तक स्टोर कर सकते हैं।
वैरायटीज़
- चॉकलेट चंद्रकला (Chandrakala) : स्टफिंग में कोको पाउडर और चॉकलेट चिप्स मिलाएँ।
- ड्राई फ्रूट्स वेरिएशन: स्टफिंग में अंजीर, खजूर, और पिस्ता डालें।
- नमकीन चंद्रकला: स्टफिंग में मसालेदार आलू या पनीर का मिश्रण भरें।
निष्कर्ष
चंद्रकला बनाना थोड़ा समय लेने वाला है, लेकिन इसका स्वाद और सुगंध सभी मेहनत को सार्थक कर देते हैं। इस रेसिपी लेकिन इसका स्वाद और सुगंध सभी मेहनत को सार्थक कर देते हैं। इस रेसिपी को अपनाकर आप अपने त्योहारों को यादगार बना सकते हैं।
बिना सांचे के इस होली बनाए रस से भरी गुझिया। (होली
खजूर के लड्डू(khajur kA Laddu)